आप IAS कैसे बनें : IAS परीक्षा में सफल होने के मूल-मंत्र

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आप IAS कैसे बनें : IAS परीक्षा में सफल होने के मूल-मंत्र
आप IAS कैसे बनें : IAS परीक्षा में सफल होने के मूल-मंत्र


आप की बातें...

क्या मैं IAS बन सकता हूं? क्या मैं IAS निकाल सकता हूं? क्या मैं IAS में कलेक्टर बन सकता हूं? क्या मैं IAS की परीक्षा में शामिल हो सकता हूं? ऐसे ही ढेरो सवाल लाखों युवाओं के मन में उठते रहते हैं, उनके मन में ये सब प्रश्न चलते रहते हैं।

             वे चाहते हैं कि कोई उनके सवालों का जवाब दे, कोई हमे मार्गदर्शन दे, कोई हमे इसके बारे में बताएं। मैनें आपकी बेचैनी को महसूस किया है और मेरा जवाब है "हां"

हां, आप भी IAS/ IPS बन सकते हैं। जो लोग IAS में आए हैं, वे भी आप जैसे ही थे। उनको भी आपकी तरह ही कई सवाल मन में आए थे। वे IAS में सेलेक्ट हुए, तो फिर आप क्यू नहीं?

                IAS देश की सर्ववोच्च सेवा है। देश के प्रशासन का भार, देश में कानून का राज कायम करने, देश के लिए नीतियां बनाने, देश के विकास का रोड मैप तैयार करना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक देश का प्रतिनिधित्व करने का पूरा दारोमदार इसी सेवा पर हैं।

आपको उच्च स्तर की जानकारी देना, आपका भय दूर करने, आपका रास्ता दिखाने, आपको प्रेरित करने के लिए ही मैने यह ब्लॉग हिंदी भाषा में तैयार की हैं। आशा है आपको पसंद आएगी और मैं भी अपने मकसद में सफल होऊंगा।


आप भी IAS बन सकते हैं 

"जब गन्ने से शक्कर बन सकती है, सोने से गहने बन सकती है , घास से दूध और घी बन सकती है, तो आप भी IAS बन सकते हैं।"

क्या है IAS 

इस सेवा का पूरा नाम इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस हैं। हिंदी भाषा में इसे प्रशासनिक सेवा कहा जाता है। इस सेवा को देश का सर्वोच्च और उत्तम सेवा माना जाता है। इस सेवा को अंग्रेजी शासन काल में ही लागू किया गया था और उस समय इस सेवा को ICS के नाम से जाना जाता था अर्थात् इंडियन सिविल सर्विस(Indian Civil Service) और इस सेवा के लिए परीक्षा और चयन का काम इंग्लैंड में होता था। प्रारंभ में इस सेवा के लिए केवल अंग्रेजों को ही भर्ती किया जाता था। बाद में धीरे - धीरे इस सेवा के लिए भारतीयों का भी चयन होने लगा। स्वतंत्रता के बाद इस सेवा के नाम भारतीय प्रशासनिक सेवा रखा गया और देश के सभी नागरिकों को इस सेवा में शामिल होने का बराबर का मौका दिया जाने लगा। इस सेवा के संबंध में कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार से हैं - 

  1. IAS के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग बना है जो अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा के माध्यम से चयन करता है।
  2. आयोग के मेरिट सूची में आने वाले को अभ्यर्थियों को इस सेवा के लिए चुना जाता है।
  3. इस अधिकारियों को पूरे भारत में और विदेशों में भी सेवा के लिए भेजा जा सकता है। 
  4. यह अधिकारी हर विभाग में प्रशासन का कार्य करते हैं।
  5. IAS की सेवा सुरक्षा, पदोन्नति आदि स्वत: होती रहती है।
क्यू बनना चाहते है IAS

आपने IAS की तैयारी करने का निर्णय लिया है, आप IAS बनना चाहते है, यह तो बड़ी अच्छी खबर है। बड़ी खुशी की बात। अपने देश की सर्वोच्च सेवा में जाने का निर्णय लिया है। अधिकांश युवा ग्रेजुएशन करने के बाद इस सेवा में जाना चाहते हैं, लेकिन आपने यह नही बताया कि आप IAS क्यू बनना चाहते हैं? क्या इसके लिए निम्नलिखित में से कोई कारण है - 

  1.  वेतन अच्छा खासा है।
  2. इस सेवा में पावर बहुत है।
  3. इसका स्टेटस समाज में बहुत ऊंचा है।
  4. सुविधा बहुत है और इस सेवा में आकर्षण बहुत है।
  5. क्या आपके घर वाले चाहते है?
  6. क्या आपके दोस्त जा रहे है इसीलिए आप भी जा रहे है?
  7. मुझे अपने मम्मी पापा की इच्छा पूरी करनी है, क्योंकि वे चाहते है कि मैं IAS बनू।
  8. IAS में सेलेक्ट होने के बाद मैं हीरो हो जाऊंगा।
  9. मैने अपने दोस्तो से वादा किया कि मैं IAS मे चयनित होकर दिखाऊंगा।
  10. मैं हाई स्कूल में ही निर्णय लिया था कि मैं ग्रेजुएशन के बाद IAS की तैयारी करूंगा।
  11. मैं संकल्प लिया कि मैं IAS में चयनित होकर ही रहूंगा।
आपके जवाब तो बहुत ही अच्छे है। लेकिन मुझे तो आपके केवल दो उत्तर पसंद आए हैं। एक हाई स्कूल के समय से ही IAS में जाने का सपना और दूसरा आपका IAS में चयनित होने का संकल्प। इसलिए आपको पढ़ाई और तैयारी में रात दिन एक करना होगा। अगर एक चरण में असफल हुए तो, निराशा नही होंगे यद्यपि अपने तैयारी को और मजबूत कर इस परीक्षा को सफल करना है। हो सकता है कुछ लोग से मुंह छिपाना पड़े। इसलिए एक बार अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर लेना आपके लिए उचित होगा।

कुछ और तो भी बन सकते हैं, उसमे क्या बुराई है?

IAS में ही ऐसा खाश बात क्या है जरा गंभीरता से सोचो, और भी तो ढेरों नौकरियां हैं जो आप कर सकते हैं। आप डॉक्टर बन सकते है, आप इंजिनियर बन सकते है, प्रोफेसर बन सकते है, बैंक अधिकारी बन सकते है। कलाकार बन सकते है। अगर नौकरी न करना चाहते है तो बड़े बिजनस मैन बन सकते है, बड़े ट्रांसपोर्टर बन सकते है, और भी बहुत विकल्प है आपके पास। 

       शायद अपने IAS में जाने का निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि इसकी तुलना अन्य सेवाओं से नहीं की जा सकती हैं।यह सेवा सभी सेवाओं में सर्वोच्च है। आपका सोचना ठीक हो सकता है। आपके तर्को में दम हो सकता है। 


तो कोशिश करके देख लीजिए 

आप IAS की तैयारी कीजिए। कोशिश कीजिए, अभी से कीजिए, कोई भी यात्रा तभी पूरी होती है जब उसे शुरू किया जाए। अपना कदम आगे बढ़ाइए तभी तो कोशिश अपना काम करेगी। कोशिश को अच्छे ढंग से, सुंदर तरीके से, बेहतर रूप में, बेहतर तरीके से, बेहतर व्यवस्था के साथ कीजिए, आपकी मेहनत रंग लाएगी और आप सफल होंगे। आप चाहे तो अपने होठों से गुनगुना सकते हैं -

" हम होंगे कामयाब एक दिन"

फिर भी पुनर्विचार कर लीजिए 

मैं आपको एक बार पुनः आगाह करना चाहता हूं कि अपने निर्णय पर एक बार पुनः विचार कर लीजिए क्योंकि -

  • चयनित होने के चांस बहुत कम हैं।
  • यह एक कठिन परीक्षा हैं।
  • अंग्रेजी भाषा का ज्ञान भी जरूरी हैं।
  • कई बार असफल होने पर हताश भी हो सकते हैं।
  • आप पूरी तरह से असफल भी हो सकते हैं।
  • पूरे देश के लोगो से कंपटीशन करना होगा।
  • पिछली पढ़ाई काम नहीं आएगी।
लेकिन रुकिए 

उपर्युक्त सभी तर्क इस परीक्षा के डरावने पक्ष थे, जबकि इसका उजला पक्ष भी हैं। आपको भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। यह पक्ष तो आपके सामने केवल सावधान करने के लिए रखा गया था। 

 मुझे तो लगता है कि आप इन काले सफेद बिंदुओं को पढ़ने के बाद भी IAS की तैयारी करने के लिए अडिग है तो यह बहुत अच्छी बात है, क्योंकि -

मुश्किल नहीं है कुछ भी, अगर ठान लिजिए

इस उक्ति पर विश्वास कीजिए। यदि आपने संकल्प ले लिया है, IAS बनना है तो बस परीक्षा के परिणाम का इंतजार कीजिए, उस सूची में आपका भी नाम होगा। केवल अपने ऊपर विश्वास रखिए। आत्मा विश्वास सरीखा कोई दूसरा मित्र नहीं हैं।

                 आप सब कुछ कर सकते है। आपकी अंतरात्मा चीख-चीखकर पुकार रही है कि आगे बढ़ो, आगे बढ़ो।

हां, अब IAS बन जाओगे

अपने अपनी इच्छा शक्ति को खूूब ठोक-बजा लिया है। आगा-पीछा सोच लिया है। आप दृढ़ प्रतिज्ञा कर लिया है। आपमें मानसिक मजबूती आ गई है तो आप IAS में सेलेक्ट हो जाओगे क्योंकि - 

  1. यह आपकी आंतरिक जरूरत है।
  2. पढ़ाई में रुचि हैं।
  3. अध्ययन में निरंतरता हैं।
  4. मानसिक क्षमता मजबूत हो गई हैं।
  5. मित्रों और परिवारों का सपोर्ट है, और 
  6. सबसे बड़ी बात यह हैं की आप मन से दृढ़ हो गए है।

आप IAS की तैयारी में शामिल हो गए हैं। अतः भीड़ से हटकर एक वर्ग विशेष में शामिल हो गए है, जहां चुनौतियां हैं, कंपटीशन है और कुछ कर गुजरने वालों की चौपाल है जिसके आप भी एक सद्स्य हो गए हैं। आपके दिमाग में एक ही बात रहने लगेगी कि - "करना हैं तो करना है।" और पूरी कायनात आपको सफल बनाने में जुट जाएगी।

    "एक मुसाफिर पर्वत के शिखर की ओर जा रहा था। रास्ते में एक ऋषि मिले। उसने ऋषि के शिखर से पर्वत शिखर का रस्ता पूछा। ऋषि ने कहा कि तुम्हारा हर कदम पर्वत शिखर के लिए उठे तो तुम पहुंच जाओगे। यही मुझे आपसे कहना है कि आपकी हर सोच, हर कदम, हर काम IAS की तैयारी में लगे तो आपको IAS में आने से कोई नहीं रोक पायेगा"         

कहां रहकर करना चाहते हैं तैयारी ?

अपने IAS की तैयारी करने का निर्णय ले लिया है। अब आपके सामने एक भारी भरकम सवाल आकर खड़ा हो गया है कि IAS की तैयारी के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट ज्वाइन किया जाए या नहीं।

                 अंततः एक ही विकल्प बचता है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट ज्वाइन किया जाए। अब यह आपकी सामर्थ्य के ऊपर है कि किसी अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट की भारी-भरकम फीस आप दें पाएंगे या नहीं। यह निर्णय आपको करना है।

कोचिंग जरूरी है, क्योंकि 

  • नये विषयों में मदद मिलेगी।
  • विषय विशेषज्ञ की सेवाएं मिलेंगी।
  • दोस्तों का ग्रुप बन सकता हैं।
  • ग्रुप डिस्कशन का फायदा होगा।
  • शिक्षकों के अनुभव का फायदा मिलेगा।    
  • संस्थान के लाइब्रेरी का फायदा उठा सकते हैं।
  • आप अनुशासित होंगे।
  • पढ़ने के बजाए लेक्चर सुनने को मिलेंगे।
  • आपके भ्रम और शंकाएं दूर होंगी।
  • उच्च स्तर की अध्ययन सामग्री मिलेंगी।
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह निकलती है कि यदि आप पहली बार IAS की तैयारी कर रहे हैं तो आपको कोचिंग इंस्टीट्यूट ज्वाइन कर लेनी चाहिए। कोचिंग इंस्टीट्यूट महत्वपूर्ण हैं। यह आप पर निर्भर है कि आप उसे कितनी गंभीरता से लेते है और कितना फायदा उठा सकते है। मैं समझता हूं आप जैसे दृढ़ प्रतिज्ञा के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट वरदान सिद्ध होगी।

आप IAS कैसे बनें : IAS परीक्षा में सफल होने के मूल-मंत्र
आप IAS कैसे बनें : IAS परीक्षा में सफल होने के मूल-मंत्र



 कब से शुरू करे तैयारी?

(तैयारी ही तो सब कुछ है बाकी तो सब शेष है)

विद्यार्थियों को चाहिए कि वे जब अपनी इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करके कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश लें तभी से IAS की तैयारी शुरू कर दें। ग्रेजुएशन स्तर पर उन्ही प्राथमिक दे जो IAS की परीक्षा के लिए उपयोगी हों। यदि आप ग्रेजुएशन स्तर पर ही अपने खाली समय में इस तरह की तैयारी करते रहे तो आगे चलकर यह तैयारी आपकी IAS की परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।

           मेरी राय में IAS की तैयारी बिना परीक्षा की प्रतीक्षा किए जितनी जल्दी हो सके, शुरू कर देनी चाहिए। कहा भी गया है " जो मारे सो मीर"।

कितना और कैसे पढ़ें?

" पढ़ाई के घंटे महत्वपूर्ण नहीं हैं, उसका तरीका और उसकी गुणवत्ता महत्वपूर्ण हैं।"

        मेरा मानना है कि यदि नियमित रूप से 5 या 6 घंटे अध्ययन किया जाए तो IAS की तैयारी के लिए काफी हैं, क्योंकि तैयारी एक दिन का काम नहीं है। पढ़ाई उतनी ही अच्छी है जितना आसानी के साथ हमारा मस्तिष्क ग्रहण कर ले क्योंकि हम आज के लिए नहीं पढ़ रहे है, यह पढ़ाई तो परीक्षा के समय काम आएगी। अतः पढ़ाई का वैज्ञानिक तरीका है कि धीर-धीरे और गंभीरता के साथ पढ़ा जाए। जब तक उस पृष्ठ पर दिए गए तथ्य को पूरी तरह से न समझ लिया जाए तब तक वह पृष्ठ न पलटा जाए।

IAS की तैयारी की पढ़ाई आपसे नियमित चाहती है। आप प्रतिदिन का अपना समय निर्धारित कर सकते है। उस समय जरूर पढ़े। शिक्षा शास्त्रियों के अनुसार प्रातः 5 बजे से 7 बजे तक और रात्रि में 8 बजे से 11 बजे तक पढ़ने का सर्वोत्तम समय है। इस समयावधि में आपका मस्तिष्क सक्रिय रहता है और जो कुछ ग्रहण करता है वह अस्थायी होता है।

       आप जहां पर भी बैठकर पढ़ाई करें, वहां का वातावरण शांतिमय और शोर शराबा रहित होना चाहिए ताकि पढ़ाई में एकाग्रता बने रहे। पढ़ाई के समय चौकस रहने की जरूरत है।

     " पढ़ाई वही अच्छी है जो समय पर काम आए"


   संघ लोक सेवा आयोग  

आप IAS की तैयारी कर रहे हैं, कदम कदम पर आपको संघ लोक सेवा आयोग से आपका सामना होगा। संक्षेप में लोग इसे UPSC कहते हैं। 

क्या है संघ लोक सेवा आयोग?

संघ लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना अक्टूबर 1926 में हुई थी, लेकिन स्वतंत्र भारत में इसकी स्थापना 26 अक्टूबर, 1950 को हुई। यह संवैधानिक संस्था इसलिए है कि क्योंकि इसकी स्थापना भारत के संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 के अधीन हुई है। इस संस्थान का मुख्य कार्य केंद्र सरकार एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लोक सेवकों की भर्ती करना है। आयोग का मुख्यालय धौलपुर हाउस, नई दिल्ली में हैं।

         अधिकारियों की भर्ती के लिए आयोग मुख्यत: निम्नलिखित परीक्षाओं का आयोजन करता है। इन परीक्षाओं की समय - सारणी पूर्व निर्धारित है।   

  1. सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा।
  2. सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा।
  3. भारतीय वन सेवा परीक्षा।
  4. भू विज्ञानी परीक्षा।
  5. स्पेशल क्लास रेलवे ऑपरेंटिस परीक्षा।
  6. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा।
  7. सम्मलित रक्षा सेवा परीक्षा।
  8. भारतीय अर्थ/सांख्यिकीय सेवा परीक्षा।
  9. अनुभाग अधिकारी/आश्रुलिपिका परीक्षा।
हम यहां विस्तार से बात करना चाहते है कि लोक सेवा आयोग आपसे क्या चाहता है - 


न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 

सिविल सेवा परीक्षा के लिए आयोग द्वारा न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन निर्धारित की गई है।

न्यूनतम आयु 

सिविल सेवाओं के लिए बालिग और परिपक्कव व्यक्तियों की जरूरत होती है। इसीलिए आयोग ने परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की है। वर्तमान में अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है। आरक्षित वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा में नियमानुसार छूट है। 

आयोग समभाव रखता है 

आयोग अपने सभी परीक्षार्थियों को समभाव से देखता है। उसे आपकी जाति, वर्ग, धर्म, पंथ, लिंग, आदि से कुछ लेना-देना नहीं है।

सोच की गति 

आयोग आपमें इस बात की परख भी करता है कि आपकी सोचने की गति कितनी तेज है। अपनी प्रारंभिक में आयोग 120 मिनट के समय में आपके सामने 80 से 100 सवाल तक रखता है।

भाषा पर पकड़ 

मुख्य परीक्षा में एक प्रश्न-पत्र निबंध का होता है। निबंध लिखते समय उस पर आपकी भाषा की स्पष्ट छाप पड़ती है।

सिविल सर्विसेज में क्या शामिल है?

वर्तमान में संघ लोक सेवा आयोग 24 प्रकार की नागरिक सेवाओं के लिए अधिकारियों की भर्ती करता है। इन सेवाओं को इस प्रकार से समूहीत किया जाता है - 

1. IAS 

इस सेवा का नाम इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस है। इसे हिंदी भाषा में भारतीय प्रशासनिक सेवा कहा जाता है। इस सेवा को देश की उच्च और उत्तम सेवा माना जाता है।

2. IPS

इस सेवा के अधिकारी भी अपने क्षेत्र में शांति - व्यवस्था और नागरिक जीवन की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी होते हैं। मेरिट सूची में से IAS अधिकारियों के चयन के बाद करता है। यह सेवा भी अंग्रेजी शासन की पुरानी सेवा है। 

3. IFS

यह अखिल भारतीय नहीं वरन विदेश सेवा है। विदेशों में भारत का प्रीतिनिधित्व करने, उस देश विशेष में अपने देश के हितों की रक्षा करने के लिए कुछ अधिकारियों की आवश्यकता होती है। इस सेवा को इंडियन फॉरेन सर्विस के नाम से जाना जाता है। यह सेवा भी देश की महत्वपूर्ण सेवा है। 

UPSC : को विस्तार से जानने के लिए क्लिक करें।https://viniias.blogspot.com/2021/10/blog-post_83.html

प्रारंभिक परीक्षा 

(चक्रव्यूह का पहला द्वार)

बहुतों में से अच्छे का चयन करने के लिए प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया जाता है। IAS में प्रवेश का यह पहला द्वार है। इस द्वार को पार करने की तैयारी करें। कैसे.... ( आगे पढें)

कौन से पेपर होते हैं? 

सिविल सर्विसेज के लिए आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाती है। वह एक प्रकार से स्क्रीनिंग टेस्ट होता है। प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं - 

  1. प्रश्न पत्र -1
यह प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन के नाम से जाना जाता है। यह प्रश्न पत्र 200 अंकों का होता है और प्रश्न हल करने के लिए आपको मात्र 120 मिनट का समय दिया जाता है। इस प्रश्न पत्र में विषयों पर बहु विकल्पीय उत्तर वाले प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्ननो की संख्या 100 होती हैं। 

  • राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स।
  • भारतीय इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
  • भारत एवं विश्व का भूगोल ( भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल ) 
  • आर्थिक एवं सामाजिक विकास
  • भारतीय राजतंत्र एवं शासन ( संविधान, पंचायती राज, राजनीतिक व्यवस्था, राइट ईश्यु, लोक नीति आदि ) 
  • पर्यावरण परिस्थितिकी, जैव विविधता और मौसम परिवर्तन।
  • सामन्य विज्ञान।
  1. प्रश्न पत्र - 2 
यह प्रश्न पत्र सीसैट ( CSAT) के नाम से जाना जाता है। CSAT का अर्थ होता है ( Civil Service Aptitude Test ) इस प्रश्न - पत्र को हल करने व के लिए 120 मिनट का समय निर्धारित है और 80 प्रश्न पूछे जाते है। प्रश्न - पत्र का पूर्णांक 200 है। इस प्रश्न - पत्र में भी बहु विकल्पीय उत्तर वाले प्रश्न पूछे जाते हैं। इस प्रश्न-पत्र में सामान्यतः निम्नलिखित विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है।
  • बोधगम्यता 
  • संचार - कौशल सहित अंतर - वैयिक्त कौशल
  • तार्किक - कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता 
  • निर्णय लेना एवं समस्या समाधान
  • सामान्य मानसिक योग्यता 
  • आधारभूत संख्ययन ( संख्याएं और उनके संबंध विस्तार क्रम आदि ) 
  • आंकड़ों का निर्वचन ( चार्ट, ग्राफ, तालिका, आंकड़ों की पर्याप्तता आदि।
  • अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल ।
प्रारंभिक परीक्षा को विस्तार में जानने के लिए क्लिक करें :


आप IAS कैसे बनें : IAS परीक्षा में सफल होने के मूल-मंत्र
आप IAS कैसे बनें : IAS परीक्षा में सफल होने के मूल-मंत्र



मुख्य परीक्षा
(चक्रव्यूह का दूसरा द्वार)

यहां आपके व्यक्तित्व, शैली, रुचि और अभिव्यक्ति की परीक्षा होगी। मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाती है और मेरिट सूची में उपर से क्रमशः इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।

क्या है मुख्य परीक्षा?

यह परीक्षा आपके व्यक्तित्व का, गहन योग्यता का और आपकी गहराई तथा लेखन-शैली आदि का परीक्षण करेगी। वास्तव में देखा जाए तो IAS की असली परीक्षा मुख्य परीक्षा ही है।  इस परीक्षा में प्राप्त अंकों के माध्यम से IAS में आपके चयन का रास्ता खुलेगा। इस परीक्षा की खास बातें इस प्रकार से हैं - 
  • इस परीक्षा में आयोग द्वारा निश्चित किए गए एक निश्चित संख्या में ही परिक्षार्ति शामिल होते हैं।
  • इस परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा के भांति ऑब्जेक्टिव टाइप बहु वैकल्पिक उत्तर वाले प्रश्न नहीं होते है वरन इसमें प्रश्नों के उत्तर उत्तरपुस्तिका में आयोग द्वारा निर्धारित शब्दों में लिखने होते है।
  • मुख्य परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है।
  • मुख्य परीक्षा कुल 1750 अंकों के होते हैं। 
कौन कौन पेपर होते हैं?

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र और पाठ्यक्रम पहले से ही निर्धारित होता है। वर्ष 2013 के बाद की स्तिथि इस प्रकार से है - 
  • सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र - 1
  • सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र - 2
  • सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र - 3
  • सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र - 4
  • ऑप्शनल पेपर - 1
  • ऑप्शनल पेपर - 2
  • निबंध का पेपर
  • जनरल इंग्लिश 
  • संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कोई भी एक भाषा 

खाश बातें
  1. सभी प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए 3 घंटो का समय निर्धारित होता है।
  2. सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र का पूर्णांक 250 होता है। 
  3. इस प्रकार कुछ 1750 अंकों में प्राप्तांक के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाती है।
  4. प्रत्येक परीक्षार्थी को सभी प्रश्न पत्रों की परीक्षा देना अनिवार्य है।
मुखा परीक्षा में सफलता के कुछ टिप्स 
  1. समय प्रबंध अहम है।
  2. साइंटिफिक सोच रखें।
  3. गैप का ध्यान रखें।
  4. अनिवार्य विषयों पर भी ध्यान दें।
  5. प्रैक्टिस महत्वपूर्ण है, उत्तर लेखन का अभ्यास करते रहे।
  6. शब्द सीमा महत्वपूर्ण है इसका ध्यान रखें।
  7. पिछले प्रश्न पत्र देखें।
  8. परीक्षा हाल में  संतुलित रहें।
  9. खुद का नोट्स बनाए एवं रिवाइज करते रहें।
  10. उत्तर को तथ्यपरक में लिखें।
इंटरव्यू 
(चक्रव्यूह का अंतिम द्वार)

प्रारंभिक परीक्षा से पता लग गया की आपका दिमाग स्पष्ट है, सोचने की गति तेज हैं, नजरिया स्पष्ट है। मुख्य परीक्षा से यह पता लग गया कि आपकी शैली अच्छी है, आप गागर में सागर पता लगाना है कि आप सिविल सर्विस के लायक है या नहीं, इसीलिए आपको सामने बैठकर आपके अंदर झांकने की यह आयोग की अंतिम कोशिश है। यह इंटरव्यू नहीं, वरन इनरव्यू हैं।

इंटरव्यू की तैयारी कैसे करें?

इंटरव्यू की तैयारी के सिलसिले में कुछ संस्थान कुछ दिनों के लिए मॉक इंटरव्यू की व्यवस्था करते हैं। संभव हो तो मॉक इंटरव्यू में भाग लेना चाहिए। इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • मॉक इंटरव्यू उपयोगी होता है।
  • दोस्तों के साथ डिस्कशन करें।
  • विनम्रता का अपना महत्व होता है।
  • शिष्टाचार काम आता है।
  • भाषा और आवाज महत्वपूर्ण रोल अदा करती है।
  • इंटरव्यू दिया जाता है कोई लेता नहीं है।
इंटरव्यू में कैसे सवाल पूछे जाते हैं? 

इंटरव्यू बोर्ड के पास प्रश्नों की कोई सूची नहीं होती है। फिर भी बोर्ड द्वारा आपसे निम्नलिखित विषयों पर प्रश्नों पर प्रश्न पूछे जा सके हैं -
  1. आप से संबंधित प्रश्न।
  2. शैक्षिक योग्यता से संबंधित प्रश्न।
  3. आपके राज्य या नगर से संबंधित प्रश्न।
  4. देश-विदेश की ताजा घटनाएं।
  5. बौद्धिक क्षमता संबधी प्रश्न।
  6. आपके नाम की स्पेलिंग क्या है?
  7. आपके नाम का अर्थ क्या है?
  8. आपको हॉबीज से प्रश्न।
  9. और आपके DAF फॉर्म से प्रश्न।
  10. आपके गांव,  जिले और राज्य के संबंध में प्रश्न।
इंटरव्यू देते समय आप परेशान न हों। आपसे जो प्रश्न पूछे जायेंगे या जा रहे हैं वे सामान्य स्तर के हैं या होंगे, क्योंकि प्रश्न तो वार्तालाप का माध्यम भर है, ताकि आपके अंदर का झलक दिखाई दे जाए। निश्चिंत रहें, इंटरव्यू में आप सफल रहेंगे।


आपकी जिज्ञासाएं

"आपने दिल खोलकर अपने सवाल पूछे हैं और मैंने अपनी सामर्थ्य भर आपके गार्जियन की तरह, आपके मार्गदर्शक की तरह आपके सवालों के जवाब दिए हैं। चूंकि दोनों ने दिल खोल कर बाते की है, अपना सब कुछ निकाल कर एक दूसरे के सामने रख दिया है। अतः दोनों सफल रहे है। लोगो को भी हम दोनो की बातें पसंद आएंगी।"

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