UPSC के तैयारी के लिए कुछ मार्गदर्शन टिप्स

VINI IAS
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1: कुछ लोग कहते हैं कि सिविल सेवा परीक्षा सभी परीक्षाओं में सर्वाधिक कठिन परीक्षा है, क्या यह सत्य है?

उत्तर: जी नहीं, यह पूर्णत: सही नहीं है। सिविल सेवा परीक्षा भी अन्य परीक्षाओं की ही तरह एक परीक्षा है, अंतर केवल इनकी प्रकृति एवं प्रक्रिया में है। अन्य परीक्षाओं की तरह यदि अभ्यर्थी इस परीक्षा की प्रकृति के अनुरूप उचित एवं गतिशील रणनीति बनाकर तैयारी करे तो उसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है। ध्यान रहे, अभ्यर्थियों की क्षमताओं में अंतर हो सकता है लेकिन उचित रणनीति एवं निरंतर अभ्यास से कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं है। 

2: कहते हैं कि सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के लिये प्रतिदिन 16-18 घंटे अध्ययन करना आवश्यक है, क्या यह सत्य है?

उत्तर: सिविल सेवा परीक्षा सामान्यत: तीन चरणों (प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार) में आयोजित की जाती है, जिनमें प्रत्येक चरण की प्रकृति एवं रणनीति अलग-अलग होती हैं। ऐसे में यह कहना कि इस परीक्षा में सफल होने के लिये प्रतिदिन 16-18 घंटे अध्ययन करना आवश्यक है, पूर्णत: सही नहीं है। सफलता, पढ़ाई के घंटों के अलावा अन्य पहलुओं पर भी निर्भर करती है। अभ्यर्थियों की क्षमताओं में अंतर होना स्वाभाविक है, हो सकता है किसी विषय को कोई अभ्यर्थी जल्दी समझ ले और कोई देर में, फिर भी अगर कोई अभ्यर्थी कुशल मार्गदर्शन में नियमित रूप से 8 घंटे पढ़ाई करता है तो उसके सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। 

3: मैं कुछ व्यक्तिगत कारणों से दिल्ली नहीं जा सकता हूँ। कुछ लोग कहते हैं कि इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिये दिल्ली में इसकी कोचिंग करनी आवश्यक है, क्या यह सत्य है?

उत्तर: जी नहीं, यह पूर्णत: सही नहीं है। विगत वर्षों के परीक्षा परिणामों को देखें तो कई ऐसे अभ्यर्थी इस परीक्षा में उच्च पदों पर चयनित हुए हैं, जिन्होंने घर पर ही स्वाध्याय किया। उचित एवं गतिशील रणनीति, स्तरीय अध्ययन सामग्री, जागरूकता, ईमानदारीपूर्वक किया गया प्रयास इत्यादि सफलता की कुंजी हैं। कोचिंग संस्थान आपको एक दिशा-निर्देश देते हैं जिस पर अंततः आपको ही चलना होता है। वर्तमान में कई प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के नोट्स बाज़ार में उपलब्ध हैं जिनका अध्ययन किया जा सकता है। 

‘दृष्टि’ संस्था इस बात से भली-भाँति अवगत है कि किसी गाँव/शहर में रहकर सिविल सेवा में जाने का सपना पाले कई अभ्यर्थी उचित दिशा-निर्देशन एवं सटीक सामग्री के अभाव में अधूरी तैयारी तक सीमित रहने को विवश होते हैं। वे आर्थिक, पारिवारिक, व्यावसायिक आदि कारणों से कोचिंग कक्षा कार्यक्रम से नहीं जुड़ पाते हैं। इसके अतिरिक्त, बाज़ार में बड़ी मात्रा में मौजूद स्तरहीन पाठ्य सामग्रियाँ भी इन अभ्यर्थियों को भटकाव के पथ पर ले जाती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए ‘दृष्टि’ ने “दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम” (डी.एल.पी.) के तहत सिविल सेवा परीक्षा प्रारूप का अनुकरण कर सामान्य अध्ययन (प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा), सीसैट (प्रारंभिक परीक्षा), हिन्दी साहित्य तथा दर्शनशास्त्र (वैकल्पिक विषय) की अतुलनीय पाठ्य-सामग्री तैयार की है। ‘दृष्टि डी.एल.पी.’ का मूल दृष्टिकोण सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उन अभ्यर्थियों तक सिविल सेवा से जुड़ी उपयुक्त एवं समुचित अध्ययन सामग्री की सुगम पहुँच बनाना है जो किसी कारणवश कोचिंग संस्था के स्तर पर मार्गदर्शन लेने में असमर्थ हैं।

4: कुछ लोग कहते हैं कि यह परीक्षा एक बड़े महासागर के समान है और इसमें प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर से भी पूछे जाते हैं। वे यह भी कहते हैं कि इसमें प्रश्न उन स्रोतों से पूछे जाते हैं जो सामान्यतः अभ्यर्थियों की पहुँच से बाहर होते हैं, क्या यह सत्य है?

उत्तर: जी नहीं, यह बिल्कुल गलत है। यूपीएससी अपने पाठ्यक्रम पर दृढ़ है। सामान्य अध्ययन के कुछ प्रश्नपत्रों के कुछ शीर्षकों के उभयनिष्ठ (Common) होने के कारण सामान्यत: अभ्यर्थियों में यह भ्रम उत्पन्न होता है कि कुछ प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर पूछे गए हैं जबकि वे किसी-न-किसी शीर्षक से संबंधित रहते हैं। आपको इस प्रकार की भ्रामक बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिये। यूपीएससी का उद्देश्य योग्य अभ्यर्थियों का चयन करना है न कि अभ्यर्थियों से अनावश्यक प्रश्न पूछकर उन्हें परेशान करना।  

5: लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग लेते हैं जबकि कुछ मेधावी अभ्यर्थी ही आईएएस बनते हैं। इस प्रश्न को लेकर मेरे मन में भय उत्पन्न हो रहा है, कृपया उचित मार्गदर्शन करें ? 

उत्तर: आपको भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, यद्यपि इस परीक्षा के लिये लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं और इस परीक्षा में सम्मिलित होते हैं, परन्तु वास्तविक प्रतिस्पर्द्धा केवल 8-10 हज़ार गंभीर अभ्यर्थियों के बीच ही होती है। ये वे अभ्यर्थी होते हैं जो व्यवस्थित ढंग से और लगातार अध्ययन करते हैं और इस परीक्षा में सफल होते हैं। यदि आप भी ऐसा ही करते हैं तो आप भी उन सभी में से एक हो सकते हैं। तैयारी आरंभ करने से पूर्व आपको भयभीत नहीं होना है। आपको इस दौड़ में शामिल होना चाहिये तथा इसे जीतने के लिये कड़ी मेहनत करनी चाहिये। याद रखें:

"मंज़िल उन्हीं को मिलती है
जिनके सपनों में जान होती है,
पंखों से कुछ नहीं होता
हौसलों से उड़ान होती है।"


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